दूर नगरी बड़ी दूर नगरी भजन लिरिक्स | Door Nagri Badi Door Nagri Lyrics in Hindi

दूर नगरी बड़ी दूर नगरी भजन लिरिक्स | Door Nagri Badi Door Nagri Lyrics in Hindi

“दूर नगरी बड़ी दूर नगरी” एक लोकप्रिय कृष्ण भजन है। इसमें गोपियाँ श्रीकृष्ण से गोकुल नगरी आने की कठिनाई और अपने मन की भावनाएँ व्यक्त करती हैं। यह भजन भक्तों के हृदय में प्रेम और भक्ति का संचार करता है।

Door Nagri Badi Door Nagri Lyrics in Hindi

दूर नगरी बड़ी दूर नगरी हाय दूर नगरी बड़ी दूर नगरी
हाँ दूर नगरी बड़ी दूर नगरी हाय दूर नगरी बड़ी दूर नगरी
कैसे आऊं मैं कन्हैया कैसे आऊं मैं कन्हैया तेरी गोकुल नगरी
बड़ी दूर नगरी दूर नगरी बड़ी दूर नगरी हाय दूर नगरी बड़ी दूर नगरी

जमुना जल जायु कान्हा पायल मोरी बाजे
पायल मोरी बाजे पायल मोरी बाजे
जपत चलू तो आये हाय ,
जपत चलू तो मोरी छलके घगरी
बड़ी दूर नगरी दूर नगरी बड़ी दूर नगरी हाय दूर नगरी बड़ी दूर नगरी

रात में आऊं तो कान्हा डर मोहे लागे
डर मोहे लागे सरम मोहे लागे
डर मोहे लागे सरम मोहे लागे
दिन में आऊं तो दिन में आऊं तो देखे सारी नगरी
दूर नगरी बड़ी दूर नगरी हाय दूर नगरी बड़ी दूर नगरी

तेरी नगरी में कान्हा चोर बसत है
चोर बसत है लुटेरे बसत है
चोर बसत है लुटेरे बसत है
लूट ले वे जी हाय लूट ले वे जी मोरी नाथ चुनरी
दूर नगरी बड़ी दूर नगरी दूर नगरी हाय दूर नगरी बड़ी दूर नगरी

मीरा कहे प्रभु गिरधर नागर,
तुमरे दरस बिन मैं तो हो गई बावरी
हाँ दूर नगरी बड़ी दूर नगरी हाय दूर नगरी बड़ी दूर नगरी

हाँ दूर नगरी बड़ी दूर नगरी हाय दूर नगरी बड़ी दूर नगरी
कैसे आऊं मैं कन्हैया कैसे आऊं मैं कन्हैया तेरी गोकुल नगरी
बड़ी दूर नगरी दूर नगरी बड़ी दूर नगरी हाय दूर नगरी बड़ी दूर नगरी
हाँ दूर नगरी बड़ी दूर नगरी हाय दूर नगरी बड़ी दूर नगरी

 

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