इन मस्तो की बस्ती में आता है कोई कोई ,
रोती है साडी दुनिया हसाता है कोई को।
इन मस्तो की बस्ती में………
सामान और सम्मान तो सब लोग चाहते है ,
फटकार प्यार से यहा आता है कोई कोई।
इन मस्तो की बस्ती में………
निज तन की की मैल मल-मल सब लोग छुड़ाते है,
पर मन की मैल मन से ,छुड़ाता है कोई को।
इन मस्तो की बस्ती में………
धन पाके धनी दुनिया के लोग कहाते है,
पर शहंशाह भिक्षु कहाता है कोई कोई।
इन मस्तो की बस्ती में………
इन मस्तो की बस्ती में आता है कोई कोई ,
रोती है साडी दुनिया हसाता है कोई को।
रोती है साडी दुनिया हसाता है कोई को।