भजिया हो मन पवन कुमार रमा हो पति प्यारी ,

 

Bhajia ho man pawankumar Holi Chautal Lyrics,



चौताल :
चौताल माने चार ताल इसलिए इसे चौताल कहा जाता हैं
इसमें कहरवा, दीपचंदी ,तिरपित और अंत में धमार मुख्य ताल है , चौताल उत्तर भारत का बहुत प्रसिद्ध गीत है जिसे फाल्गुन माह में गाया जाता है

 

भजिया हो मन पवन कुमार रमा हो पति प्यारी
हो रमा हो पति प्यारी ,
भजिया हो अरे हा ,
भजिया हो मन पवन कुमार रमा हो पति प्यारी

हाथे गदा करधनी साजे ,
माथे तिलक लिलारे
हाथे गदा करधनी साजे ,
माथे तिलक लिलारे

अरे माथे तिलक लिलारे ,
बोलो महादेव हर-हर हर-हर , माथे तिलक लिलारे
अरे माथे तिलक लिलारे ,
जय हनुमान ज्ञान गुण सागर, माथे तिलक लिलारे

अरे हाथे गदा करधनी साजे ,
माथे तिलक लिलारे
अरे हाथे गदा करधनी साजे ,
माथे तिलक लिलारे 4

भजिया हो मन पवन कुमार रमा हो पति प्यारी
हो रमा हो पति प्यारी ,
भजिया हो अरे हा , भजिया हो मन पवन कुमार रमा हो पति प्यारी

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