वो है कितनी दीनदयाल सखी री तुझे क्या बतलाऊ लिरिक्स

 
 
दोहा – 
कोई कमी नही है,
दर मैया के जाके देख,
देगी तुझे दर्शन मैया,
तू सर को झुका के देख,
अगर आजमाना है,
तो आजमा के देख,
पल भर में भरेगी झोली,
तू झोली फेला के देख।।
 
वो है जग से बेमिसाल सखी,
माँ शेरोवली कमाल सखी,
तुझे क्या बतलाऊ,
वो है कितनी दीनदयाल,
सखी री तुझे क्या बतलाऊ,
तुझे क्या बतलाऊ।।
 
जो सच्चे दिल से,
द्वार मैया के जाता है,
वो मुँह माँगा वर,
जग-जननी से पाता है,
फिर रहे ना वो, कंगाल सखी,
हो जाए, मालामाल सखी,
तुझे क्या बतलाऊ,
वो है कितनी दीनदयाल,
सखी री तुझे क्या बतलाऊ,
तुझे क्या बतलाऊ।।
 
माँ पल-पल करती,
अपने भगत की रखवाली,
दुख रोग हरे,
एक पल में माँ शेरोवली,
करे पूरे सभी सवाल सखी,
बस मन से भरम निकाल सखी,
तुझे क्या बतलाऊ,
वो है कितनी दीन-दयाल,
सखी री तुझे क्या बतलाऊ,
तुझे क्या बतलाऊ।।
 
माँ भर दे खाली गोद,
की आँगन भर देवे,
खुशियो के लगा दे ढेर,
सुहागन कर देवे,
माँओ को देती लाल सखी,
रहने दे ना कोई मलाल सखी,
तुझे क्या बतलाऊ,
वो है कितनी दीन-दयाल,
सखी री तुझे क्या बतलाऊ,
तुझे क्या बतलाऊ।।
 
हर कमी करे पूरी,
माँ अपने प्यारो की,
लंबी है कहानी,
मैया के उपकरों की,
देती है मुसीबत टाल सखी,
कहा जाए ना सारा हाल सखी,
री तुझे क्या बतलाऊ,
वो है कितनी दीन-दयाल,
सखी री तुझे क्या बतलाऊ,
तुझे क्या बतलाऊ।।
 
वो है जग से बेमिसाल सखी,
माँ शेरोवली कमाल सखी,
तुझे क्या बतलाऊ,
वो है कितनी दीन-दयाल,
सखी री तुझे क्या बतलाऊ,
तुझे क्या बतलाऊ।।
 
माँ भर दे खाली गोद,
की आँगन भर देवे,
खुशियो के लगा दे ढेर,
सुहागन कर देवे,
माँओ को देती लाल सखी,
रहने दे ना कोई मलाल सखी,
तुझे क्या बतलाऊ,
वो है कितनी दीन-दयाल,
सखी री तुझे क्या बतलाऊ,
तुझे क्या बतलाऊ।।
 
हर कमी करे पूरी,
माँ अपने प्यारो की,
लंबी है कहानी,
मैया के उपकरों की,
देती है मुसीबत टाल सखी,
कहा जाए ना सारा हाल सखी,
री तुझे क्या बतलाऊ,
वो है कितनी दीन-दयाल,
सखी री तुझे क्या बतलाऊ,
तुझे क्या बतलाऊ।।
 
वो है जग से बेमिसाल सखी,
माँ शेरोवली कमाल सखी,
तुझे क्या बतलाऊ,
वो है कितनी दीन-दयाल,
सखी री तुझे क्या बतलाऊ,
तुझे क्या बतलाऊ।।

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