जय जय सुरनायक हिंदी लिरिक्स

जय जय सुरनायक(Jay Jay Surnayak )यह श्लोक रामचरित मानस के बालकाण्ड के 186 वें चौपाई से लिया गया है, जो भगवान राम की महिमा और उनके भक्तों की प्रशंसा करने के लिए है। तुलसीदास ने इस श्लोक में भगवान राम की महिमा का स्तुति किया है और उनके भक्तों का आदर किया है। यह श्लोक भक्ति और श्रद्धा की भावना को व्यक्त करता है हर दिन सुबह या शाम के वक्त नियमित रूप से ‘बालकांड’ के इस अंश का पाठ करने से साधकों का कल्याण होता है. 


  

जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता ।
गो द्विज हितकारी जय असुरारी सिधुंसुता प्रिय कंता ॥

पालन सुर धरनी अद्भुत करनी मरम न जानइ कोई ।
जो सहज कृपाला दीनदयाला करउ अनुग्रह सोई ॥

जय जय अबिनासी सब घट बासी ब्यापक परमानंदा ।
अबिगत गोतीतं चरित पुनीतं मायारहित मुकुंदा ॥

जेहि लागि बिरागी अति अनुरागी बिगतमोह मुनिबृंदा ।
निसि बासर ध्यावहिं गुन गन गावहिं जयति सच्चिदानंदा ॥

जेहिं सृष्टि उपाई त्रिबिध बनाई संग सहाय न दूजा ।
सो करउ अघारी चिंत हमारी जानिअ भगति न पूजा ॥

जो भव भय भंजन मुनि मन रंजन गंजन बिपति बरूथा ।
मन बच क्रम बानी छाड़ि सयानी सरन सकल सुर जूथा ॥

सारद श्रुति सेषा रिषय असेषा जा कहुँ कोउ नहि जाना ।
जेहि दीन पिआरे बेद पुकारे द्रवउ सो श्रीभगवाना ॥

भव बारिधि मंदर सब बिधि सुंदर गुनमंदिर सुखपुंजा ।
मुनि सिद्ध सकल सुर परम भयातुर नमत नाथ पद कंजा ॥

दोहा:
जानि सभय सुरभूमि सुनि बचन समेत सनेह ।
गगनगिरा गंभीर भइ हरनि सोक संदेह ॥

तुलसीदास
रचित
, रामचरित मानस, बालकाण्ड-186 

Jai Jai Suranayak Jan Sukhdaayak Pranatpaal Bhagvanta lyrics in english 

 

Jai Jai Suranayak Jan Sukhdaayak Pranatpaal Bhagvanta,

Go Dwij Hitkaari Jai Asuraari Sidhumsuta Priya Kanta.

 

Paalan Sur Dharti Adbhut Karni Maram Na Jaanai Koi,

Jo Sahaj Kripala Deen Dayala Karu Anugrah Soi.

 

Jai Jai Abinaasi Sab Ghat Baasi Byaapak Paramananda,

Abigat Gotiitam Charit Puniitam Maaya Rahit Mukunda.

 

Jehi Laagi Biraagi Ati Anuraagi Bigat Moh Munibrinda,

Nisi Baasar Dhyaavahin Gun Gan Gaavahin Jayati
Sachchidaananda.

 

Jehi Srishti Upaai Tribidh Banaai Sang Sahaay Na Duja,

So Karu Aghaari Chint Hamaari Jaania Bhakti Na Pooja.

 

Jo Bhav Bhay Bhanjan Muni Man Ranjan Ganjan Bipati Barutha,

Man Bach Kram Baani Chhaadi Sayaani Saran Sakal Sur Jootha.

 

Saarad Shruti Sesha Rishay Asesha Ja Kahoon Koi Nahi Jaana,

Jehi Deen Piyare Ved Pukaare Dravau So Shree Bhagwaana.

 

Bhav Baaridhi Mandar Sab Bidhi Sundar Gunamandir Sukhpunja,

Muni Siddh Sakal Sur Param Bhayatur Namat Nath Pad Kanja.

 

Doha:

Jaani Sabhay Surbhumi Suni Bachan Samet Sneha,

Gagangira Gambhir Bhayi Harani Sok Sandeha. 

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