ज्योत से ज्योत जगाते चलो,
राह में आए जो दीन दुखी,
सबको गले से लगाते चलो
जिसका न कोई संगी साथी
जो निर्धन है जो निर्बल है ,
वह है प्रभू का प्यारा
प्यार के मोती लुटाते चलो, प्रेम की गंगा…
आशा टूटी ममता रूठी,
बंद करो मत द्वार दया का,
दे दो कुछ तो सहारा
दीप दया का जलाते चलो, प्रेम की गंगा…
छाई है छाओं और अंधेरा
मानव बन बैठा है दानव
धरती को स्वर्ग बनाते चलो, प्रेम की गंगा…
कौन है ऊँचा कौन है नीचा ,
भेद भाव के झूठे भरम में
ये मानव भरमाया
धर्म ध्वजा फहराते चलो, प्रेम की गंगा …
सारे जग के कण कण में है
एक ब्रह्म है एक सत्य है
एक ही है परमात्मा
प्राणों से प्राण मिलाते चलो, प्रेम की गंगा …
Jyot se jyot jagate chalo, prem ki ganga bahate chalo Lyrics by Rajanji maharaj
Jyot se jyot jagate chalo,
prem ki ganga bahate chalo
sabko gale se lagate chalo
Jiska na koi sangi saathi,
Pyar ke moti lutate chalo, prem ki ganga…
Asha tooti, mamta roothi,
Deep daya ka jalate chalo, prem ki ganga…
Chhaayi hai chhaoen aur andhera,
Dharti ko swarg banate chalo, prem ki ganga…
Kaun hai ooncha, kaun hai neecha,
Dharm dhvaja fahrate chalo, prem ki ganga…
Sare jag ke kan-kan mein hai,