हर घड़ी याद तेरी आये सौतन बनके,
मैं फिरू श्याम तेरे नाम की जोगन बनके,
हर घडी याद तेरी आये सौतन बनके,
मैं तेरो श्याम तेरे नाम की सौतन बनके,
एक जमाना था बुलाने से चला आता था,
जिनको कण कण में तेरा चेहरा नजर आता था,
टूट गई मैं तो तेरे चेर्हरे का दर्शन करके,
मैं तेरो श्याम तेरे नाम की सौतन बनके,…….
दर्द अब इनका बढाने से अब भला क्या होगा,
श्याम जो रूठा साथ छुटा अब कहा होगा,
श्याम ब्रिज वास करू इनकी वनवारी बनके,
मैं तेरो श्याम तेरे नाम की…………..