मानव तू है मुसाफिर लिरिक्स (राजन जी महाराज)

मानव तू है मुसाफिर |
दुनिया है धर्मशाला ||
संसार क्या है सपना |
वो भी अजब निराला ||

 

ये रेन है बसेरा |
है किराये का ये डेरा ||
उसमे फसा है ये फेरा |
ये तेरा है ये मेरा ||
शीशे को मान बैठा |
तू मोतियों की माला ||
संसार क्या है सपना |
वो भी अजब निराला ||
मानव तू है मुसाफिर |
दुनिया तो है धर्मशाला ||

 

जन्मों का पुण्य संचित
नर देह तूने पाया ||
कंचन और कामिनी ने |
इसे व्यर्थ ही गवाया ||
कौड़ी के मोल तूने |
हीरे को बेच डाला ||
संसार क्या है सपना |
वो भी अजब निराला ||
मानव तू है मुसाफिर |
दुनिया तो है धर्मशाला ||

 

नश्वर है तन का ढांचा |
बालू की भीत काचा ||
ऋषियों ने परखा जांचा
बस राम नाम सांचा ||
झटके तू पी शिकारी |
सिया राम नाम प्याला ||
संसार क्या है सपना |
वो भी अजब निराला ||
मानव तू है मुसाफिर |
दुनिया तो है धर्मशाला ||

Manav tu hai Musafir  lyrics in english by rajan ji maharaj

Manav tu hai musafir
duniya hai dhramshala
sansar kya hai sapna
wo bhi ajab nirala
Manav tu hai musafir

 
ye rain basera 
hai kiraye ka ye dera 
usme fasa hai ye fera 
ye tera hai ye ye mera
shishe ko man baidha 
tu motiyo ki mala
sansar kya hai sapna 
wo bhi ajab niral 
Manav tu hai musafir 
duniya hai dhramshala 
 
janmo ka punya sanchit
nar deh tune paya
kanchan aur kamini ne
ise vyarth hi gawaya
kaudi ke mol tune
hire ko bech dala
Sanasar kya hai sapna 
Wo bhi ajab Nirala
Manav tu hai musafir
duniya hai dhramshala
naswar hai tan ka dhancha 
baloo ki bheet kacha
rishiyo ne parkha sancha 
bas ram nam sancha 
chakh ke tu pi shikari 
siya ram nam pyala 
sansar kya hai sapna 
wo bhi ajab nirala
manav tu hai mushafir 
duniya to hai dharmshala

 

 

 

 

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