जय जगदीश्वरी मात सरस्वती
शरणागत प्रतिपालनहारी ।। टेक।।
चंद्र बिम्ब सम वदन विराजे
शीश मुकुट गल माला धारी ।।१।।
जय जगदीश्वरी…
वीणा वाम अंग में शोभे
सामगीत ध्वनि मधुर पियारी ।। २।।
जय जगदीश्वरी…
श्वेत वसन कमलासन सुंदरी
संग सखि शुभ हंस सवारी ।। ३।।
जय जगदीश्वरी…
ब्रह्मानन्द मैं दास तुम्हारो
दे दर्शन परब्रह्म दुलारी ।।४।।
जय जगदीश्वरी…