भए प्रगट कृपाला दीनदयाला लिरिक्स श्री राम स्तुति

भये प्रगट कृपाला दीन दयाला (Bhaye Prakat Kripala Deena Dayala) , श्री रामावतार की स्तुति तुलसीदास जी द्वारा रचित है और यह श्री रामचरितमानस के बालकाण्ड में स्थित है। यह स्तुति भगवान राम के महत्वपूर्ण लीलाओं और उनके दिव्य गुणों की प्रशंसा करती है और भक्तिभाव से उनके गुणगान का महत्व बताती है। तुलसीदास जी के द्वारा रचित रामचरितमानस हिन्दू धर्म के एक महत्वपूर्ण ग्रंथ माना जाता है और इसे आदिकाव्य का दर्जा दिया गया है।

इस स्तुति में तुलसीदास जी भगवान राम के अद्वितीय गुणों और मानवता के प्रतीक के रूप में उनकी महिमा की महात्म्य का वर्णन करते हैं, और वे भक्तिभाव से उनके पादों में शरण लेते हैं। यह स्तुति हिन्दू भक्ति गीत और साधकों के लिए आदर्श है जो भगवान राम की भक्ति करते हैं।

भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,
कौशल्या हितकारी,
हरषित महतारी मुनि मन हारी,
अद्भुत रूप बिचारी।।
 
 
लोचन अभिरामा तनु घनस्यामा,
निज आयुध भुजचारी,
भूषन बनमाला नयन बिसाला,
शोभा सिंधु खरारी।।
 
कर दुइ कर जोरी अस्तुति तोरी,
केहि बिधि करूं अनंता,
माया गुन ग्यानातीत अमाना,
वेद पुरान भनंता।।
 
करुणा सुख सागर सब गुन आगर,
जेहि गावहिं श्रुति संता,
सो मम हित लागी जन अनुरागी,
भयउ प्रगट श्रीकंता।।
 
ब्रह्मांड निकाया निर्मित माया,
रोम रोम प्रति बेद कहे,
मम उर सो बासी यह उपहासी,
सुनत धीर मति थिर न रहै।।
 
उपजा जब ज्ञाना प्रभु मुसकाना,
चरित बहु बिधि कीन्ह चहै,
कहि कथा सुहाई मातु बुझाई,
जेहि प्रकार सुत प्रेम लहे।।
 
माता पुनि बोली सो मति डोली,
तजहु तात यह रूपा,
कीजै सिसुलीला अति प्रियसीला,
यह सुख परम अनूपा।।
 
 
सुनि बचन सुजाना रोदन ठाना,
होई बालक सुरभूपा,
यह चरित जे गावहि हरिपद पावहि,
ते न परहिं भवकूपा।।
 
भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,
कौशल्या हितकारी,
हरषित महतारी मुनि मन हारी,
अद्भुत रूप बिचारी।।
दोहा:
 
बिप्र धेनु सुर संत हित, लीन्ह मनुज अवतार ।
 
निज इच्छा निर्मित तनु, माया गुन गो पार ॥
 
 
 
 
 
 

Bhaye Pragat Kripaala Deendayala (Shree Ram Stuti ) lyrics in english 


Bhaye Pragat kripala” is a hymn dedicated to Lord Rama, composed by Saint Tulsidas, and it is found in the Balakanda (the first section) of the epic poem “Ramcharitmanas.” This hymn praises the divine qualities and actions of Lord Rama and emphasizes the importance of devotion to Him. Tulsidas’s “Ramcharitmanas” is considered a significant scripture in Hinduism and holds the status of an epic poem.

In this hymn, Tulsidas glorifies the unique virtues of Lord Rama and portrays Him as an embodiment of compassion and humanity. He expresses deep devotion and seeks refuge in the feet of Lord Rama. This hymn serves as an ideal for Hindu devotional songs and for devotees who worship Lord Rama

 
 
 

 

Bhaye pragat kripala deen dayala,

 

Kaushalya hitkari, 
Harshit mahatari muni man haari,
Adbhut roop bichari. 
 
 
Lochan abhirama tanu ghanasyama, 
Nij aayudh bhujachari, 
Bhushan banamala nayan bisaala,
Shobha sindhu kharaari.
 
Kar dui kar jori astuti tori,
Kehi biddhi karun anta, 
Maya gun gyanateet amana, 
Ved puran bhananta. 
 
 
Karuna sukh saagar sab gun aagar, 
Jehi gaavahin shruti santa, 
So mam hit laagi jan anuraagi, 
Bhayau pragat Shreekantha. 
 
 
Brahmaanda nikaaya nirmite maya, 
Rom rom prati bed kahe, 
Mam ur so baasi yeh upahasi, 
Sunat dheer mati thir na rahe. 
 
Upaja jab gyaana prabhu muskaana, 
Charit bahu bidhi keenh chahai, 
Kahi katha suhaai maatu bujhaai, 
Jehi prakaar sut prem lahai. 
 
 
Maata puni boli so mati doli, 
Tajahu taat yeh roopa, 
Keejai sisuleela ati priyaseela, 
Yeh sukh param anoopa. 
 
 
Suni bachan sujaana rodan thaana, 
Hoi baalak surbhupa, 
Yeh charit je gaavahi haripad paavahi,
Te na parahi bhavakoopa. 
 
 
Bhaye pragat kripala deen dayala, 
Kaushalya hitkari, 
Harshit mahatari muni man haari,
 Adbhut roop bichari.
 
 
 
 Doha
Bipra dhenu sur sant hit, leenhu manuj avataar. 
Nij ichha nirmite tanu, maya gun go paar.

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