मुझे कौन पूछता था,
तेरी बंदगी से पहले,2
मैं खुद को ढूढ़ता था ,
तेरी बंदगी से पहले ॥
मेरी जिंदगी थी ऐसी,
जैसे खाली सीप होती,
मेरी बढ़ गई है कीमत,
तूने भर दिए है मोती,
मई दर दर भटक रहा था ,
तेरी बंदगी से पहले……
मै कुछ भी तो नहीं था
मेरी कुछ नहीं थी हस्ती
मई यु भटक रहा था
तूफान में हो कस्ती
मई बुझा हुआ दिया था
तेरी बंदगी से पहले……
तू तो प्रभु बड़ा है
तेरी रहमते बड़ी है
तुझे क्या क्या हम बताये
क्या दास पर पड़ी है
न गीत न गला था
तेरी बंदगी से पहले
मुझे कौन पूछता था,
तेरी बंदगी से पहले,2